F.I.R. (First information report) हिंदी में

FIR जो कि सेक्शन 154 (सीआरपीसी) में है और यह संज्ञेय अपराध (cognizable offence)  के मामले में लगता है,

यह किसी भी विधि द्वारा पुलिस को दिया जा सकता है लिखित या मौखिक (पुलिस इसे खुद लिख लगी) , दोनो तरीको में शिकायत करने वाले का साइन होना चाहिए 

कुछ सेक्शन जैसे 326A, 326B, 354, 354A/B/C/D, 376, 376A/AB/B/C/D/DA/DB/E और 509 इनसे संबंधित जानकारी प्राप्त होती है तो महिला पुलिस FIR दर्ज करेगी, और इन्ही सेक्शन से संबधित कारणों में पुलिस आप के रिक्वेस्ट पर घर जाके पुछताछ करेगी, इस खर्चे को पोलिस और राज्य सरकारें वहन नहीं करेंगी 

इस सेक्शन के में पुलिस को power होती है कि वह investigation कर सकती है बिना कोर्ट के परमिशन के हालाकि वह अरेस्ट नही कर सकती है बिना वारंट के।




Right of person/ व्यक्ति के अधिकार

1.) वो अपने advocate से मिल सकता है

2.) उस का मेडिकल कराया जाए गा

3.) पुलिस उस से मारपीट नही कर सकती है

4.) गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर पुलिस, कोर्ट में पेश करेगी

5.) उस व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारण बताया जाएगा।


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